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AMU: नौ साल के बच्चे की वाल्व की सर्जरी

 AMU: नौ साल के बच्चे की वाल्व की सर्जरी

Prof Mohd Azam Haseen with JNMC surgeons and doctors

अलीगढ़, 28 जूनः अलीगढ़ जिले के गभाना निवासी नौ वर्षीय नवनीत के हृदय के वाल्व में रिसाव हुआ, जिससे उसके रक्त प्रवाह में सुधार नहीं हुआ। एएमयू के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज के डाक्टरों ने उन्हें नया जीवन दिया है और उसका सफल इलाज किया है। वह मेडिकल कालेज की गहन चिकित्सा इकाई से बाहर है और उसकी हालत में सुधार हो रहा है।

जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज के कार्डियोथोरेसिक सर्जनों की एक टीम ने भारत सरकार के राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत नवनीत के वाल्व की सफलतापूर्वक सर्जरी की है।

डा. मयंक यादव और डा. सैयद शमायल रब्बानी के साथ सर्जिकल टीम का नेतृत्व करने वाले प्रो. मुहम्मद आजम हसीन (अध्यक्षकार्डियोथोरेसिक सर्जरी विभाग) ने कहा कि सर्जरी के दौरान मरीज के दिल और फेफड़ों को 60 मिनट के लिए रोक दिया गया था। क्लीनिकल परफ्यूजनिस्ट डा. साबिर अली खान ने हृदय और फेफड़े के फंक्शन पर कार्य किया।

उन्होंने कहा कि हमने वाल्व की सर्जरी करने का फैसला किया क्योंकि नौ साल के बच्चे के वाल्व को बदलना संभव नहीं था।

डा काजी एहसान अली (अध्यक्षएनेस्थिसियोलॉजी और क्रिटिकल केयर विभाग) ने कहा कि डा. दीप्ति चानाडा. नदीम रजा और डा. मनजिर अतहर ने एनेस्थीसिया दिया।

आपरेशन के बाद बोलते हुएसर्जनों ने कहा कि वाल्व की सर्जरी करना जोखिम के साथ एक कठिन आपरेशन था जो बहुत कम सरकारी अस्पतालों में किया जाता है। जेएनएमसी सर्जनों द्वारा इस जटिल सर्जरी को शुरू करने से पहलेअलीगढ़ के आसपास के लोगों को एम्स नई दिल्ली और एसजीपीजीआई लखनऊ के अलावा कोई विकल्प नहीं था।

डा शाद अबकरी (पीडियाट्रिक कार्डिएक इवोल्यूशन एंड कार्डिएक सर्जरी यूनिट (पीसीई-सीएसयू)) ने इको के माध्यम से वाल्व लीकेज का निदान किया और सर्जरी के लिए रेफर किया।

उन्होंने कहा बच्चे को सांस लेने में तकलीफ होने पर उसके माता-पिता उसे जेएनएमसी लाए। नवनीत के माता-पिता ने कई डाक्टरों से सलाह ली क्योंकि उसकी हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही थी। 

कामरान अफजालसंयोजकडीईआईसीजेएनएमसी ने कहा, ‘भारत सरकार की आरबीएस योजना के तहत हजारों बच्चों का निःशुल्क आपरेशन किया जा रहा है।

सर्जिकल टीम को बधाई देते हुए एएमयू के कुलपति प्रो तारिक मंसूर ने कहा कि महामारी के दौरान भी जेएनएमसी सर्जन और डाक्टर देश के विभिन्न हिस्सों में हर मरीज की मदद करने के अपने वादे पर कायम हैं।

उन्होंने कहा कि जेएनएमसी में नियमित रूप से जीवन रक्षक सर्जरी की जा रही है और अप्रैल लाकडाउन के बाद से कार्डियो थोरैसिक सर्जरी विभाग में 50 से अधिक जीवन रक्षक हृदय की सर्जरी की जा चुकी है।

प्रो. राकेश भार्गव (डीनफैकल्टी ऑफ मेडिसिन) और प्रो. शाहिद अली सिद्दीकी (प्रिंसिपलजेएनएमसी) ने कहा कि पूरे उत्तर प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों के मरीजों को जेएनएमसी की आधुनिक चिकित्सा बुनियादी ढांचेबेहतर संचार और अनुवर्ती कार्रवाई की आवश्यकता है। इसकी आसान पहुंच के कारण लोग इसे तरजीह देते हैं।

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