अमुवि ने मनाया भारतीय हाकी टीम की सफलता का जश्न
अलीगढ़, 5 अगस्तः टोक्यो ओलंपिक में भारतीय हाकी टीम (पुरूष) की 41 वर्ष के बाद कामयाबी पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जश्न का माहौल है। भारतीय टीम ने जर्मनी को 5-4 से हराकर जैसे ही कांस्य पदक का अपना दावा साकार किया, एएमयू के छात्र एथलीट, कोच और विश्वविद्यालय समुदाय में खुशी की लहर दौड़ गई।
एएमयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा कि यह भारत के स्पोर्ट्स इतिहास में एक बड़ा क्षण है। हमारी हाकी टीम ने 41 साल के बाद ओलंपिक पदक के साथ वापसी की है। इस जीत का बड़ा महत्व है। यह एएमयू और पूरे देश में युवा एथलीटों को प्रेरित करने में अहम भूमिका निभाएगी।
एएमयू हाकी कोच अनीस उर रहमान ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक दिन है, 3-1 से नीचे जाने के बाद, भारतीय टीम ने कांस्य पदक मैच 5-4 से जीतने के लिए शानदार वापसी की।
जीत के तुरंत बाद छात्रों और विश्वविद्यालय खेल समिति के सदस्यों ने जश्न में हाकी और एथलेटिक्स मैदान की ओर मार्च किया। जनसंपर्क कार्यालय में एएमयू पीआरओ उमर एस पीरजादा द्वारा मिठाई बांटी गई।
ज्ञात हो कि एएमयू ने हाकी के क्षेत्र में कई महारथी दिये हैं जिन्होंने राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया। इन खिलाड़ियों में अर्जुन अवार्डी जफर इकबाल (ओलंपियन-मास्को 1980, कप्तान भारतीय टीम-लास एंजिल्स 1984, कप्तान भारतीय टीम- एशियाई खेल 1982, राष्ट्रीय हॉकी कोच 1993-94); अर्जुन अवार्डी गोविंदा (ओलंपियन-म्यूनिख 1972, मॉन्ट्रियल 1976); मेजर शकूर (ओलंपियन-लंदन 1948); मसूद मिन्हाज (ओलंपियन-लास एंजिल्स 1932); जोगेंद्र सिंह (ओलंपियन-रोम 1960, टोक्यो 1964); इनामुर रहमान (ओलंपियन-मेक्सिको 1968); फिरोज खान (ओलंपियन एम्स्टर्डम-1928); एहसान मोहम्मद खान (1936 गोल्ड मेडलिस्ट); दोराई स्वामी (ओलंपियन-मलेशिया); असलम शेर खान (ओलंपियन म्यूनिख 1972, मॉन्ट्रियल 1976); असद एएच किदवई (ओलंपियन); अनवर अहमद (ओलंपियन); अली सईद (ओलंपियन टोक्यो जापान 1964); अख्तर हुसैन हयात (ओलंपियन लंदन 1948) और अब्दुल कय्यूम (ओलंपियन लंदन 1948) के नाम शामिल हैं।
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