AMU : यूनानी चिकित्सा संकाय के तत्वाधान मे राष्ट्रीय आनलाइन संगोष्ठी का आयोजन
अलीगढ़, 18 जूनः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के यूनानी चिकित्सा संकाय के तत्वाधान में ”यूनानी चिकित्सा की आवधिक रूपरेखा-विश्लेषण, आत्मनिरीक्षण और लक्ष्य एनसीआईएसएम 2021 के संदर्भ में” विषय पर एक राष्ट्रीय आनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें विशेषज्ञों ने सदियों पूर्व से आधुनिक युग तक यूनानी चिकित्सा के विकास पर प्रकाश डाला ।
अजमल खान तिब्बिया कालेज में उपयोग किए जाने वाले विभिन्न चिकित्सीय तरीकों की सराहना करते हुए कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने यूनानी मेडीसिन संकाय को हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया और लंबित मुद्दों के उचित निवारण का आश्वासन दिया।
संगोष्ठी की आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर एफएस शेरानी (डीन, यूनानी चिकित्सा संकाय) ने बताया कि यूनानी प्रणाली के साथ समान व्यवहार नहीं किया जा रहा है और यह इलाज पद्वति उचित प्रतिनिधित्व से वंचित है। उन्होंने अतिथि वक्ताओं का स्वागत भी किया।
कार्यक्रम की आयोजन सचिव प्रो शगुफ्ता अलीम (सदस्य सलाहकार बोर्ड, आयुष मंत्रालय) ने मरीजों के बेहतर इलाज तथा इस चिकित्सा प्रणाली से सम्बन्धित समस्याओं के निवारण के लिए आयुष सलाहकार बोर्ड में इस मुद्दे को उठाने का आश्वासन दिया। उन्होंने अन्य संस्थानों और गैर सरकारी संगठनों से यूनानी चिकित्सा प्रणाली के लिए अलग-अलग मंचों पर समान प्रस्ताव लाने का अनुरोध किया।
मुख्य वक्ता प्रो नईम ए खान, प्रो मुश्ताक अहमद और डा एम खालिद सिद्दीकी ने भारतीय चिकित्सा के राष्ट्रीय आयोग (एनसीआईएम) में यूनानी चिकित्सा विशेषज्ञों के पदों पर बात की। उन्होंने देश भर में यूनानी चिकित्सकों के बेहतर प्रतिनिधित्व, संसाधनों के उचित उपयोग के लिए समान नीति और नीतियों एवं दिशानिर्देशों का बेहतर नियोजन, एनसीआईएम में यूनानी चिकित्सा के लिए एक स्वतंत्र बोर्ड की स्थापना, यूनानी सर्जनों को सर्जरी करने की अनुमति तथा अखिल भारतीय यूनानी संस्थान की स्थापना, अजमल खां तिब्बिया कालिज में शिक्षण और प्रशिक्षण सुविधाओं की विशिष्टता के आधार पर कालिज को एक प्रमुख राष्ट्रीय संस्थान का दर्जा देने, प्रत्येक राज्य में स्वतंत्र यूनानी चिकित्सा निदेशालय की स्थापना, सभी राज्यों की राजधानियों और शहरों में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के साथ सीजीएचएस औषधालयों की स्थापना, मंत्रालय सचिवालय, सीजीएचएस औषधालयों और यूनानी चिकित्सा औषधि नियंत्रण तंत्र में केंद्रीय अनुसंधान परिषद सहित यूनानी प्रतिष्ठानों में सभी रिक्त पदों को भरना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) और अन्य स्वास्थ्य योजनाओं में यूनानी डॉक्टरों को शामिल करने के सम्बन्ध में अपनी राय व्यक्त की।
सम्मेलन के प्रस्ताव में आंतरिक उम्मीदवारों को अवसर प्रदान करने के लिए डी.जी. पद के लिए भर्ती नियमों में उपयुक्त संशोधन की आवश्यकता पर बल दिया गया।
प्रो शगुफ्ता अलीम ने धन्यवाद ज्ञापित किया। संगोष्ठी का संचालन डा मोहम्मद अनस ने किया और कार्यक्रम का संचालन डा मोहम्मद मोहसिन ने किया।





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